1. पकौड़ी
दौड़ी - दौड़ी आई पकौड़ी
छुन - छुन छुन - छुन , तेल में नाची |
प्लेट में आ शरमाई पकौड़ी |
दौड़ी - दौड़ी आई पकौड़ी
हाथ से उछली मुंह में पहुंची |
पेट जा घबराई पकौड़ी |
दौड़ी - दौड़ी आई पकौड़ी
मेरे मन को भाई पकौड़ी
2. रसोईघर
आज रसोईघर घर की खिड़की,
मुन्ना मुन्नी खोल रहे हैं |
अन्दर देखो, चकला बेलन,
चाक़ू छलनी बोल रहे हैं
मैं चाक़ू, सब्जी फल काटूँ ,
टुकड़ा -टुकड़ा सबको बांटूं
गाज़र -मूली प्याज़ -टमाटर,
छीलो काटो रखो सजाकर |
गोल चाँद - सी हूँ मैं थाली,
बज सकती हूँ बनकर ताली |
मुझमे सब्ज़ी रोटी डाली,
और सभी ने झटपट खा ली |
3.चूहों ! म्याऊं सो रही हैं
घर के पीछे, छत के नीचे,
पाँव पसारे, पूंछ सँवारे |
देखो कोई, मौसी सोई,
नासो में से, सांसों में से |
घर घर घर घर हो रही हैं
चूहों ! म्याऊं सो रही है |
बिल्ली सोई, खुली रसोई,
भरे पतीले, चने रसीले |
उलटो मटका, देकर झटका
जो कुछ पाओ, चाट कर जाओ |
आज हमारा, दूध दही हैं
चूहों ! म्याऊं सो रही है |
मूँछ मरोड़ो, पूँछ सिकोड़ों,
नीचे उतरो, चीज़े कुतरों |
आज हमारा, राज हमारा ,
करो तबाही, जो मनचाही |
आज मची हैं, चूहा शाही ,
डर कुछ भी, चूहों को नही है,
चूहों ! म्याऊं सो रही है |
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