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झूला रिमझिम jhoola Rimjhim hindi poetry

झूला

ये कविता NCERT कक्षा १ की किताब से लिया गया हैं  इस कविता में बच्चे अपनी माँ से बोल रहे है कि -


झूला अम्मा आज लगा दे झूला,
 इस झूले पर मैं झुलूँगा | 
इस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर, 
आसमान को मैं छू लूँगा | 

 झूला झूल रही हैं डाली,
 झूल रहा है पत्ता पत्ता | 
इस झूले पर बड़ा मज़ा हैं,
 चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता |

 झूल रही नीचे की धरती, 
उड़ चल उड़ चल, 
उड़ चल उड़ चल, 
बरस रहा है रिमझिम, रिमझिम,
 उड़कर मैं लूटूं दल बादल |

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धन्यवाद ,

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