झूला
ये कविता NCERT कक्षा १ की किताब से लिया गया हैं इस कविता में बच्चे अपनी माँ से बोल रहे है कि -
झूला अम्मा आज लगा दे झूला,इस झूले पर मैं झुलूँगा |इस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर,आसमान को मैं छू लूँगा |झूला झूल रही हैं डाली,झूल रहा है पत्ता पत्ता |इस झूले पर बड़ा मज़ा हैं,
चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता |
झूल रही नीचे की धरती,उड़ चल उड़ चल,उड़ चल उड़ चल,बरस रहा है रिमझिम, रिमझिम,उड़कर मैं लूटूं दल बादल |
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