हम अपने आंसुओ को चुन रहे हैं हिंदी शायरी, / hum apne aansuon ko chun rahe hain in hindi poetry
1
हम अपने आंसुओ को चुन रहे हैं
सितारे किस लिए जल - भुन रहे हैं
कभी उसका तबस्सुम छू गया था
उजाले आज तक सर धुन रहे हैं
अभी मत छोड़िये ज़िक्र-ए -मोहब्बत
जल्लालुद्दीन अकबर सुन रहे हैं
जवानियों में जवानी को धुल करते हैं
जो लोग भूल नही करते, भूल करते हैं
अगर अनारकली हैं सबब बगावत का
सलीम, तेरी शर्ते कबूल करते हैं
2
कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ो ने उस पार कर दिया
अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ - पूछ कर बीमार कर दिया
रातों को चांदनी के भरोसे न छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया
रूक - रूक के लोग देख रहे हैं मेरी तरफ
तुमने जरा सी बात को अखबार कर दिया
इस बार एक और भी दिवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया
बोला था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाईयों ने मुझे गुनाहगार कर दिया
दो गज सी ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया
0 Comments
अगर आपको कोई संदेह है तो कृपया मुझे बताएं
(if you have any doubt please let me know)