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Best Hindi shayari rahat indori कभी अकेले में मिल कर झिझोंड दूंगा उसे

कभी अकेले में मिल कर झिझोंड दूंगा उसे hindi Shayri


 कभी अकेले में मिल कर झिझोंड दूंगा उसे,

जहाँ जहाँ से वो टूटा हैं जोड़ दूंगा उसे |


मुझे वो छोड़ गया ये कमाल हैं उसका,

इरादा मैंने किया था कि छोड़ दूंगा उसे |


पसीने बांटता फिरता हैं हर तरफ सूरज,

कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूंगा उसे |


बदन चुरा के वो चलता हैं मुझ से शीशा-बदन,

उसे ये डर हैं कि मैं तोड़ फोड़ दूंगा उसे |


मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,

समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे |

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