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Dr Rahat Indore Hindi Shayri नई हवाओं की सोभत बिगाड़ देती हैं हिंदी शायरी

नई हवाओं  की सोभत बिगाड़ देती हैं  हिंदी शायरी 

आज का ऐसा दौर हैं की किसी को समझा पाना आसान  काम नही हैं जब लोग खुद से किसी मुसीबत में फसते या गलत लत का शिकार हो जाते हैं तब उनको समझ आता हैं इसी को देखते ही डाक्टर रातह इन्दौरी जी ने ये अच्छी शायरी लिखी हैं जो आपको बताती हैं दुनिया कैसी हैं  कैसे लोगो के ऊपर बुरी आदत हावी होती हैं  शायरी को पढ़िए -

नई हवाओं  की सोभत बिगाड़ देती हैं ,

कबूतर को खुली छत बिगाड़ देती हैं 


जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नही होते,

 सजा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं 


मिलाना  चाहा हैं इन्सा को जब इन्सा से,

तो सारे काम सियासत बिगाड़ देती हैं |


हमारे पीर तकमीर ने कहा था कभी,

मिया ये आशिकी इज्ज़त बिगाड़ देती हैं 


ये चलती-फिरती  दुकानों की तरह होते हैं 

नये अमीरों को दौलत बिगाड़ देती हैं 

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