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Loan hindi poetry

लोन 

दोस्तों जीवन में हम कभी न कभी उधर लोन लेते हैं और लोन लेने के बाद जो हाल होता हैं उसको चुकाने में वो सिर्फ लेने वाला जनता की समय समय पे उसको लोन क़िस्त जमा करनी पड़ती हैं अगर नही जमा करते तो क्या क्या उनको गवाना पड़ता हैं लोंलेने वाला ही जनता हैं आप सभी के लिए ये हास्य कविता लिखी हैं | readinhindihelp


 लोन से लिया हैं फ्लैट, लोन से खरीदी कार

 सुई भी खरीदी न नकद मेरे राम जी 

लोन से पढ़ाये बच्चे, लोन से ख़रीदे  कच्छे 

मांगी नहीं यारों से मदद मेरे राम जी 

क़िस्त न भरी तो गुण्डे ले गये उठा के कार 

घटनी थी घटना दुखद मेरे राम जी 

गमलो में कांटेदार कैक्टस उगाये मैंने 

पाऊं अब कहाँ से शहद मेरे राम जी 

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